



रूठे प्रभु जगन्नाथ पहुँचे विजयनाथधाम
प्रभु जगन्नाथ जी के स्वरूप में भगवान विजयनाथ का दिव्य दर्शन
बरही के श्रीरामलला दरबार से निकली रथयात्रा

विजयनाथधाम बरही में विराजे भगवान विजयनाथ जी ने प्रभु जगन्नाथ जी का अलौकिक स्वरूप धारण कर भक्तों को दिव्य दर्शन दे रहे थे। नगर के ठेकेदार प्रभाकर तिवारी अपने पुत्र प्रतीक के जन्म दिन के अवसर पर महाआरती का आयोजन कराया गया, इधर प्रभु जगन्नाथ जी का आगवन विजयनाथधाम में हुआ।
बरही/कटनी। समूचे देश ही विश्वभर में आज भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा पूरे भक्तिभाव, उल्लास, उमंग के साथ निकाली जा रही है। कटनी जिले की धार्मिक नगरी बरही में भी भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा बरसते पानी मे निकाली गई। रथ में सवार होकर रूठे प्रभु जगन्नाथ बरही नगर के श्रीरामलला दरवार से निकले, जो नगर के मुख्य बाजार, कमानिया गेट, कटनी मार्ग होते हुए विजयनाथधाम पहुँचे, जहां मंदिर के पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ प्रभु की अगुआनी की। इस यात्रा में बरही नगर के भक्त बड़ी संख्या में सहभागिता निभाने पहुँचे हुए थे। जय-जय जगन्नाथ, जय-जय विजयनाथ के गगनभेदी जयकारे लग रहे थे, आतिशबाजी, ढोल-नगाड़ों की थाप पर भक्त उत्साह से झूम रहे थे।
समूचे हिन्दू धर्म के लिए यह यात्रा खास मायने रखती है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष 10वीं तिथि पर इसका समापन होता है। इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र संग साल में एक बार पूरे नगर का भ्रमण करते हुए विजयनाथधाम पहुँचते है।