



*संतों की संगति और उनके वचनों का पालन करने से परमात्मा की प्राप्ति संभव:-पूज्य विजयानंद गिरि जी महाराज*
*बरही के पवार कंपनी मणि सभागार में बह रही अमृतमयी सत्संग की गंगा*
बरही/कटनी। संतों की संगत और उनके वचनों का पालन करने से मनुष्य का परमात्मा से मिलन सम्भव है। प्रभु श्रीराम ने माता सवरी को नवधा भक्ति का ज्ञान दिया, जिसमे प्रथम संतों की संगत, उनकी सेवा और उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करना है। उक्त अमृतमयी उद्गार पूज्य संत स्वामी विजयानंद गिरि जी महाराज ने बरही के मणि सभागार में व्यक्त करते हुए उपस्थित साधकों को समझाया कि सारा संसार नश्वर है, यह मानव शरीर बड़े भाग्य से मिला है, देवता भी मनुष्य जीवन पाने के लिए तरसते है, मनुष्य और श्वान के मन मे कोई अंतर नही है, लेकिन परमात्मा ने मनुष्य को विवेक दिया है, जिससे अच्छा-बुरा का ज्ञान होता है और इसी विवेक से मन को परमात्मा में म…लीन करना है, परमात्मा से विशुद्ध प्रेम करना है, जिससे अपार आनंद की प्राप्ति होगी।
*विशुद्ध प्रेम से मिलते है परमात्मा*
भगवत चर्चा में एक महिला साधक ने प्रश्न किया कि महाराज जी भगवान सपने में क्यो नही दिखते…महाराज श्री ने महिला साधक के प्रश्नों को बेहद संजीदगी से देते हुए समझाया कि परमात्मा को विशुद्ध प्रेम से पुकारने की सिर्फ जरूरत है वे मिलेंगे हर हाल में मिलेंगे, जब सूरदास को मिल सकते है, मीराबाई को मिल सकते है, तो सभी को मिल सकते है..परमात्मा की भक्ति में लीन होना है।
*कल 24 मार्च को होगी फूलों की होली*
दिव्य व दुर्लभ सत्संग के चौथे दिवस 24 मार्च की शाम 4 बजे से ब्रज की होरी/फाग संगीत के साथ ही फूलों की होली खेली जाएगी। 25 मार्च को कथा का विराम रहेगा, वही 26 एवं 27 फरवरी को शाम साढ़े 5 बजे से साढ़े 6 बजे तक सत्संग का रसपान पूज्य महाराज श्री के मुखारबिंद से साधक करेंगे। आप सभी धर्मप्रेमी जनमानस सादर आमांत्रित है।