



*सांसारिक सुखों की लालसा ही परमात्मा प्राप्ति में बाधा-पूज्य संत विजयानंद गिरि जी महाराज*
*बरही के मणि सभागार में दिव्य, दुर्लभ भगवत चर्चा का रसपान कर रहे साधक*
यह संसार दुखालय है, सांसारिक सुखों की लालसा ही ईश्वर प्राप्ति में बाधा है। परमात्मा की प्राप्ति इसी जीवन मे सम्भव है, मनुष्य में सिर्फ सच्ची आस्था, दृढ़ विश्वास और समर्पण भाव आ जाए तो परमात्मा से सीधा नाता जुड़ जाएगा…जहां सच्चे आनंद की प्राप्ति संभव है। उक्त अमृतमयी भगवत चर्चा पूज्य संत विजयानंद गिरि जी महाराज ने बरही के पावर कंपनी स्थित मणि सभागार में करते हुए उपस्थित साधकों को आगाह किया कि परमात्मा की प्राप्ति के लिए घर-परिवार छोड़ने की बिल्कुल जरूरत नही है, इसी भौतिक जीवन मे रहकर परमात्मा के प्रति समर्पण भाव से मन से नही सच्चे हृदय से पुकारने की जरूरत है। महाराज श्री ने समझाया कि मनुष्य मैं और मेरा के फेर में फंसा हुआ है, खुद मालिक बनने के फेर में सांसारिक सुखों की चाह में भटक रहा है, जबकि सबकुछ प्रभु को सपर्पित करने से ही सच्चा सुख संभव है, अपार आनंद सम्भव है।
गुरुवार की शाम साढ़े 5 बजे से मणि सभागार में पहले ही दिन की भगवत चर्चा में बड़ी संख्या में साधक पहुँचे हुए थे। शाम साढ़े 6 बजे दिव्य सत्संग की अमृतवर्षा व आरती उपरान्त भगवत चर्चा का विश्राम हुआ। आगामी 26 मार्च तक शाम साढ़े 5 से साढ़े 6 बजे तक आयोजित हो रहे इस दिव्य व दुर्लभ भगवत चर्चा का सुअवसर का आप सभी लाभ उठाएं।