



*सत्संग से मनुष्य के अंदर दिव्य प्रकाश होता है:-पूज्य संत विजयानंद गिरि जी महाराज*
बरही/कटनी। भास्कर/सूर्य जब उदय होते है तो संसार में रोशनी फैलती है जबकि सत्संग से मनुष्य के अंदर दिव्य प्रकाश फैलता है, जिससे अज्ञानरूपी अंधकार मिटता है। उक्त अमृतवर्षा ऋषिकेश से बरही आए पूज्य संत विजयानंद गिरी जी महाराज ने व्यक्त करते हुए साधकों को समझाया कि सत्संग से ही मानव अपने जीवन मे अपार आनंद की प्राप्ति कर सकता है। धन, संपत्ति की कमाई में मनुष्य पूरा जीवन बिता देता है, जबकि ये कुछ भी साथ मे जाने वाला नही है, उन्होंने समझाया कि धन कमाना भौतिक जीवन मे गलत नही है, लेकिन इसका उपयोग सेवा कार्य मे लगाना चाहिए।
रंगभरनी एकादशी के पावन अवसर पर पूज्य महाराज श्री का आगवन बरही की धरा में हुआ, जिनके अभिनंदन के लिए बड़ी संख्या में साधक पहुँचे हुए थे। आगामी 7 दिनों तक वे साधकों से भगवत चर्चा करेंगे और सत्संग रूपी अमृतवर्षा का रसपान कराएंगे। गुरुवार 21 मार्च से शाम साढ़े 5 से साढ़े 6 बजे तक बरही के डोली मार्ग स्थित पावर कंपनी के सभागार में दिव्य सत्संग की अमृतवर्षा पूज्य संत विजयानंद गिरी जी महाराज के मुखारबिंद होगी। आप सभी क्षेत्र की धर्मप्रिय, सत्संग प्रेमीजन इस अवसर का लाभ उठाएं।
गौरतलब है कि पूज्य संत विजयानंद गिरी जी महाराज देश के एक ऐसे विरले संत है जो किसी भी तरह के दान व दिखावे से दूर रहते है। होली के पावन अवसर पर उनका 7 दिवसीय प्रवास का पुण्यलाभ इस बार बरही को मिला।